शनिवार, 28 मार्च 2009

Nav Ratri Gift





मेरे एक जाल-मित्र के द्वारा दी गई नवरात्रि की भेटः
हम शरणागत हैं माँ विध्याचल-रानी ..
तुमने ही तो कृष्ण -रूप में ब्रज में रास रचाया
युगों युगों तक भक्त जनों के मन की प्यास बुझाया
शिव ही तो राधा बनकर ब्रज की धरती पर आए
इस प्यासी धरती पर मीठी रसधारा बरसाए
ब्लॉग: परा वाणी
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