रविवार, 8 मार्च 2009

गाँधीजी और शराब



गाँधी जी के सामानों को नीलामी में खरीद कर उनकी इज्जत भी शराब से बची। वैसे भी बिना रीढ़ के नेताओं से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है।

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