रविवार, 22 मार्च 2009
मेरा कुत्ता
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बड़े अरमान से एक कुत्ता पाला था
रोज मेरे आगे पीछे घूमता था।
वक्त पर खाना खाना आ जाता था
चाहे कहीं भी घूमने जाता था
मुझे उस पर विश्वास भी था
ऱखवाली पर छोड़ दिया था
धीरे-धीरे गायब होने लगा
पहले कुछ दिन के लिए
फिर महीनो के लिए
सुनने आया यह आया था
कि कुत्ता अधिकार समिति बनाई है
कुत्ता समाजसेवा का अध्यक्ष बन गया है
सभी कुत्ते आगे पीछे घुमते हैं।
जब मैने गायब होने का कारण पूछा
तो कहने लगा समाज सेवा कर रहा हूँ
उसने कई ठेके भी ले लिए थे।
अब तो कुत्ते मारने की सुपारी भी लेने लगा।
अब तो उसकी सुरक्षा भी बढ़ने लगी थी
एक दिन वो पाँच साल बाद मेरे पास आया था
संग कई कुत्तो को भी लाया था।
सभी जिन्दाबाद के नारे लगा रहा थे
मुहल्ले में कुत्ते उसके लिए वोट माँग रहे थे
चुनाव बाद वह गायब हो गया।
मैने भी सोना पाँच साल बाद आयेगा
पाँच साल बाद सुनने में आया कि
उसने इलाका बदल दिया है।
नहीं जगह से चुनाव लड़ रहा है।
मैं आज भी उसका इंतजार कर रहा हूँ
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