सोमवार, 28 मई 2012
मेरे कई साथी गाँव कक्षा 1 से 8 तक 5 से 8 किलोमीटर पैदल चलकर आते जाते थे. पर आज तो मेरे बच्चों से ज्यादा उनकी माँ को फिक्र रहती कि 2 किमी देर साइकिल जाने में बच्चा थक जायेगा। ग्लूकोज पाउडर मैने बिना किसी जरुरत के पहली बार अपनी मेहनत (घर काम होने पर एक मजदूर मेरी जिद पर कम लगाया गया था और उसकी मजदूरी की बजत के बदले मे माँ से जिद करके एक ग्लूकोज पाउडर मगाया था) की कमाई से पिया था। सच कहता हूँ मेरी दिन कच्चे मकान के लिए मजदूरो के साथ मिट्टी उठवाता था फावड़ा चलाता था और शाम को जब ग्लूकोज पाउडर एक गिलास पानी में घोल कर जब माँ के हाथ से पीता था तो माँ की सारी चिंता और मेरी थकान मिट जाती थी यह घटना मेरी 10-11 साल की उम्र की है। आज मेरे पास अपना परिवार है। घर में ग्लूकोज पाउडर भी है। पर माँ नहीं है। यह सब मैं माँ-बाप की तश्वीर के सामने बैठकर लिख रहा हूँ और उनको भी याद कर रहा हूँ।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें