गुरुवार, 25 अक्टूबर 2007
बुधवार, 17 अक्टूबर 2007
राम की महिमा
आज एसे ब्लाग पर ज्ञानदत्त पांडेय की रचना देख रहा था भाई बहुत सही लिखा है वैसे ऐसी ही रचनाओं का सरिता वालो को इंतजार रहता है ताकि तर्क कुतर्क करके और किसी भी तरह से हिन्दू धर्म को गरिया सके क्योंकि उनकी तो दुकान ही इसी तरह चल रही है यदि पाठक लेख पढ़ना चाहे तो नीचे दिया जा रहा है।
यहाँ पढ़े
यहाँ पढ़े
सदस्यता लें
संदेश (Atom)