प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥ आयसु मागि करहिं पुर काजा। देखि चरित हरषइ मन राजा॥
कल से मदर्स डे पर बहुत मार्मिक अच्छे भावुक संदेश फोटो विडियो देख रहा हूं. यह देख लगता है कि मांबाप बहुत भाग्यशाली हैं पर सचाई क्या है सचाई है वृद्धाश्रम, बच्चो से गुजारा का अधिकार जैसे कानून. क्या किसी ने सोचा कि जिस भारत में भगवान राम की सुबह कैस्ी होती उस भारत में यह मदर्स फादर सिस्टर ब्रदर डे कहां से आ गये. क्या एक दिन की फोटो सेल्फी संदेश से कर्तव्य पूरे हो गये बाकी 364 दिन. क्या को भी यह बता सकता है कि भगवान राम ने कभी यह शिकायत की कि मेरी सौतेली माता ने मेरा राज्य छीन लिया मुझे वन में भेज दिया बल्कि हमेशा मां कह कर ही संबोधित किया. अब उक्त सोच वर्तमान सोच में यदि कोई अंतर दिखता है तो आत्म विश्लेषण की जरूरत है.