गुरुवार, 27 जनवरी 2011
मंगलवार, 11 जनवरी 2011
अविश्नीय
महिला ने किया युवती से दुष्कर्म!
कानपुर, हमारे संवाददाता: पुलिस जो न करे वह थोड़ा है। उसने एक अधेड़ महिला को ही एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। अधेड़ महिला के वकील को जब मुकदमे की धाराओं की जानकारी मिली तो उन्होंने प्रमाणपत्र देकर अदालत को पूरा मामला बताया। अदालत ने विवेचक को तलब कर इस गड़बड़ी का कारण पूछा तो उन्होंने माफी मांग धारा बदलने का प्रार्थनापत्र दिया। इस मामले में स्पेशल सीजेएम मनोज कुमार अग्रवाल मंगलवार को फैसला सुनाएंगे। बिठूर पुलिस ने दुष्कर्म के एक मामले में रमाबाई नगर स्थित मंगलपुर निवासी प्रेमबाबू के पुत्र सोनू को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके साथ प्रेमबाबू, उनकी पत्नी, बेटे राजू के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। 30 दिसंबर 2010 को पुलिस ने प्रेम बाबू की पत्नी को गिरफ्तार किया और उन्हें 31 दिसंबर को जेल भेज दिया। सबसे अनोखी बात यह रही कि पुलिस ने जो रिमांड पत्र दाखिल किया उसमें अपहरण व धमकी की धारा (366, 506) के साथ दुष्कर्म की धारा 376 दर्ज कर दी। इसकी जानकारी तब हुई तो जब अदालत ने विवेचक को तलब किया। विवेचक एके त्रिपाठी सोमवार को अदालत पहुंचे और गलती मानते हुए दुष्कर्म की धारा 376 को हटाकर 366 व 506 में रिमांड लेने की प्रार्थना अदालत से की। महिला का रिमांड दुष्कर्म में लेने के बारे में विवेचक ने अदालत में बताया कि चार्जशीट में उन्होंने महिला के खिलाफ अपहरण व धमकी में कार्यवाही की बात लिखी है। रिमांड पर दुष्कर्म की धारा गलती से दर्ज हो गयी थी। जिस पर अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। पुलिस की इस लापरवाही पर अदालत अपना फैसला मंगलवार को सुनाएगी।
साभारः दैनिक जागरण कानपुर दिनांक 11.01.2010.
अविश्नीय
महिला ने किया युवती से दुष्कर्म!
कानपुर, हमारे संवाददाता: पुलिस जो न करे वह थोड़ा है। उसने एक अधेड़ महिला को ही एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। अधेड़ महिला के वकील को जब मुकदमे की धाराओं की जानकारी मिली तो उन्होंने प्रमाणपत्र देकर अदालत को पूरा मामला बताया। अदालत ने विवेचक को तलब कर इस गड़बड़ी का कारण पूछा तो उन्होंने माफी मांग धारा बदलने का प्रार्थनापत्र दिया। इस मामले में स्पेशल सीजेएम मनोज कुमार अग्रवाल मंगलवार को फैसला सुनाएंगे। बिठूर पुलिस ने दुष्कर्म के एक मामले में रमाबाई नगर स्थित मंगलपुर निवासी प्रेमबाबू के पुत्र सोनू को मुख्य आरोपी बनाया था। इसके साथ प्रेमबाबू, उनकी पत्नी, बेटे राजू के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। 30 दिसंबर 2010 को पुलिस ने प्रेम बाबू की पत्नी को गिरफ्तार किया और उन्हें 31 दिसंबर को जेल भेज दिया। सबसे अनोखी बात यह रही कि पुलिस ने जो रिमांड पत्र दाखिल किया उसमें अपहरण व धमकी की धारा (366, 506) के साथ दुष्कर्म की धारा 376 दर्ज कर दी। इसकी जानकारी तब हुई तो जब अदालत ने विवेचक को तलब किया। विवेचक एके त्रिपाठी सोमवार को अदालत पहुंचे और गलती मानते हुए दुष्कर्म की धारा 376 को हटाकर 366 व 506 में रिमांड लेने की प्रार्थना अदालत से की। महिला का रिमांड दुष्कर्म में लेने के बारे में विवेचक ने अदालत में बताया कि चार्जशीट में उन्होंने महिला के खिलाफ अपहरण व धमकी में कार्यवाही की बात लिखी है। रिमांड पर दुष्कर्म की धारा गलती से दर्ज हो गयी थी। जिस पर अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। पुलिस की इस लापरवाही पर अदालत अपना फैसला मंगलवार को सुनाएगी।
साभारः दैनिक जागरण कानपुर दिनांक 11.01.2010.
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